आज है नवरात्रो का दूसरा दिन - जाने किस तरह करे माँ ब्रह्मचारिणी को को प्रसंन:-
ब्रह्मा का अर्थ है तपस्या तथा चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली देवी। अर्थात जो माता तपस्वी जैसा आचरण रखती हो उसे ब्रह्मचारिणी कहते है।
माँ ब्रह्मचारिणी के हाथो में माला और कमंडल होता है। माता ब्रह्मचारिणी के पूजन से आयु में वृध्दि होती है ,ज्ञान में वृध्दि होती है , मन एकाग्र होता है। इनके व्रत से मनुष्य अपने कर्तव्य पथ से भटकता नहीं है।
माँ ब्रह्मचारिणी की कहानी :-
माँ ब्रह्मचारिणी अपने पूर्व जन्म में जब ये हिमालय के घर जन्मी तब तेजस्वी नारद के उपदेश से इन्होने भगवान शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अत्यन्त कठिन तपष्या की।
माँ ब्रह्मचारिणी के हाथो में माला और कमंडल होता है। माता ब्रह्मचारिणी के पूजन से आयु में वृध्दि होती है ,ज्ञान में वृध्दि होती है , मन एकाग्र होता है। इनके व्रत से मनुष्य अपने कर्तव्य पथ से भटकता नहीं है।
माँ ब्रह्मचारिणी की कहानी :-
माँ ब्रह्मचारिणी अपने पूर्व जन्म में जब ये हिमालय के घर जन्मी तब तेजस्वी नारद के उपदेश से इन्होने भगवान शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अत्यन्त कठिन तपष्या की।
ConversionConversion EmoticonEmoticon